Thursday 23 April 2015

शादी देर से होने या न होने ...........


जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आज मैं शादी देर से होने या न होने या होकर टूट जाने या शादी हो जाने के बाद वैवाहिक जीवन अच्छे से न चल पाने या शादी समय पर हो जाने और वैवाहिक जीवन अच्छे से चलने में ग्रहों के कारणों पर चर्चा करने जा रहा हूँ। यहाँ मैंने शादी से सम्बंधित कुछ बहुत बुरे योग मसलन शादी के बाद शौहर बीवी मैं झगड़ा या तलाक हो जाना या बीवी का मर जाना वगरैह का ज़िकर किया है। क्यों कि यह विषय बड़ा होने के कारण यहाँ एक ही पोस्ट में विस्तार से व्याख्या कर पाना मुश्किल है। इसलिए इसे मैंने अलग से ब्लॉग में लिखा है। आशा करता हूँ कि इसे पढ़ने में आप सब को कठिनाई नहीं होगी। असुविधा के लिए क्षमा चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है की आप सब को इससे लाभ जरूर होगा। 
लाल किताब तरमीम शुदा 1942 के अनुसार : 
दो गृहस्थियों को जुदा जुदा रखते हुये एक कड़ी से जोड़ने वाली चीज़ आम दुनियादारों की नज़र में शादी और ग्रहचाल में मंगल की ताकत का नाम रखा गया है। यही मंगल खून की कड़ी, लड़की और औरत में फर्क की कड़ी है। इसी वजह से शादी में मंगल गीत गाये जाते हैं। अगर मंगल नेक हो तो शादी खाना आबादी लेकिन अगर बद हो तो शादी खाना खराबी होगी। मंगल बद के वक्त सूरज की रोशनी में चमक न होगी। मर्द की कुण्डली में शुक्र से मुराद उसकी बीवी और औरत की कुण्डली में शुक्र से मुराद उसका शौहर होगा।
फरमान नं 8 के मुताबिक गृहस्थ की चक्की कुण्डली के खाना नं 7 में चलती है और चक्की घुमाने वाली लोहे की कीली खाना नं 8 में होती है। नीचे वाला पत्थर शुक्र (रिज़क) और ऊपर घूमने वाला पत्थर बुध (अक्ल) होते हैं।
उदहारण के तौर पर कुछ ग्रहों के शादी के योग और उनके प्रभाव (मित्रों यहाँ कुछ बातें ऐसी लिखी हैं जिन्ह ज्योतिषाचार्य आसानी से समाज जायेगे, लेकिन कुछ मित्रों को उनको समझने के लिए किसी अच्छे ज्योतिषचार्ये से संपर्क करना होगा) :

  1. दोस्ती दुश्मनी ग्रह दृष्टि वगैरह सबको नज़र में रखते हुये वर्षफल में खानावार हालत के हिसाब से जिस साल शुक्र /बुध को शनि की दोस्ती या शनि के आम दौरा का वक्त होवे तो शादी होने का योग होगा। आमतौर पर शादी का योग शुक्र से मान्य होता है। 
  2. जब बुध इन उसूलों पर शादी का योग बनावे तो भी शादी का योग होगा सिवाये बुध खाना नं 12 के। 
  3. अगर कुण्डली में शुक्र/बुध बर्बाद या मन्दे हों और स्त्री ग्रह शुक्र चन्द्र के साथ नर ग्रह बृहस्पत या सूरज या मंगल मददगार साथी या साथ साथ हों तो जिस साल शनि की मदद या उसके आम दौरे का ताल्लुक हो जावे तो भी शादी का योग या वक्त होगा। 
  4. अमूमन जिस साल शुक्र या बुध तख्त के मालिक या खाना नं 2, 10 से 12 (सिवाये बुध नं 12) में या बुध अपने पक्के घर खाना नं 7 में हो जावे लेकिन उस वक्त खाना नं 3, 11 में शुक्र के दुश्मन ग्रह (सूरज, चन्द्र, राहु) न हो या वह अपने जन्म कुण्डली में स्थित होने वाले घर में ही आ जावें तो शादी के योग बनते हैं। 
  5. शुक्र जब खाना नं 4 में हो चाहे अकेला या किसी के साथ या खाना नं 7 में शुक्र के दुश्मन ग्रह आयें हों तो शादी का कोई योग न होगा। 
  6. दिए गए शादी के सालों (22,24,29,32,39,51,60) में जिस साल सूरज चन्द्र या राहु खाना नं 2, 7 में न हों तो शादी होगी। ऐसी हालत में अगर बृहस्पत नं 7 में आ जावें तो औरत औलाद के काबिल न होगी। (ओलाद के होने के योगो के बारे में व्याख्या अलग पोस्ट में की गई है) दिए हुये सालों में शादी का योग ज़रूर है मगर शादी मुबारक (कामयाब) न होगी। शुक्र खाना नं 4 की ऐसी हालत में शादी मुल्तवी हो सकती है। 
  7. जो ग्रह शुक्र को बर्बाद करे या शुक्र खुद ऐसा मन्दा हो कि शादी के फल को गैर मुबारक साबत करे, मसलन् चन्द्र नं 1 के वक्त 24 या 27वें साल और राहु नं 7 के वक्त 21वें साल शादी मुबारक न होगी। 
  8. सूरज जब शुक्र के लिए ज़हरीला हो तो सूरज की उम्र 22वें साल शादी मुबारक न होगी। अगर शुक्र रद्दी न हो तो शादी के लिए कोई वहम न लेंगेे। मगर अकेला शनि खाना नं 6 इस शर्त से बाहर होगा। खासकर जब शुक्र भी उस वक्त नं 2 या 12 में हों। यानि उम्र का 18-19वां साल शादी के लिए गैर मुबारक होगा। 
  9. शुक्र बुध अपने जन्म कुण्डली वाले घर या नं 1, 7 में आ जावें मगर शुक्र जन्म कुण्डली के खाना नं 1 से 6 का न हो और उस वक्त नं 3, 11 में सूरज, चन्द्र, राहु न हों तो शादी का योग होगा। 
  10. जब खाना नं 2, 7 खाली हो तो बुध शुक्र ही खुद 2, 7 में आने पर, बुध शुक्र बैठे घर का मालिक ग्रह नं 2, 7 में और बुध शुक्र उसकी जगह चले जावें, मसलन शुक्र बुध नं 3 हो, मंगल नं 9 में तो 17वें साल शुक्र बुध नं 9 व मंगल नं 7 होने पर शादी का योग होगा। 
  11. औरत की कुण्डली में बृहस्पत नं 4 हो तो शादी जल्द हो जावेगी और सूरज मंगल का साथ गुरू से हो तो उसका ससुर न होगा। राहु खाना नं 1 या 7 या किसी तरह शुक्र से मिल रहा हो तो 21 साला उम्र की शादी बेमाना होगी। यही हालत सूरज शुक्र के मिलने पर 22 से 25 साला उम्र की शादी पर होगी। जिसके लिये उपाय ज़रूरी होगा। 
  12. शनि खाना नं 7 वाले की शादी अगर 22 साला उम्र तक न हो तो उसकी नज़र बेबुनियाद होगी। 
  13. बृहस्पत खाना नं 1 और नं 7 खाली हो तो छोटी उम्र की शादी मुबारक होगी। 
  14. शुक्र के दायें या बायें पापी ग्रह हो या शुक्र बैठा होने वाले घर से चैथे व 8वें मंगल या सूरज या शनि से कोई एक या इकट्ठे हो तो औरत जलकर मरे या शुक्र का फल जल जावे। ऐसी हालत में औरत का तबादला गाय से या गऊदान मुबारक होगा। 
  15. जन्म कुण्डली में शुक्र कायम या अपने दोस्तों यानि बुध, शनि, केतु के साथ साथी या दृष्टि में हो, उनसे मदद लेंवे तो औरत एक ही कायम होगी। 
  16. दुश्मन ग्रहों से शुक्र अगर रद्दी तो तादाद औरत ज्यादा। 
  17. सूरज बुध राहु साथ साथ, शादियां एक से ज्यादा मगर फिर भी गृहस्थ का सुख मन्दा। 
  18. बुध खाना नं 8 में तादाद औरत ज्यादा मगर सब औरतें जि़न्दा होवें । जितनी दफा वर्षफल में सूरज और शनि का आपस में टकराव आ जावे उतनी तादाद तक शादियां होंगी। 
  19. खासकर जब सूरज नं 6 और शनि नं 12 हो तो औरत पर औरत मरती जावे या मां बच्चों का ताल्लुक न देखे या सुख देखने से पहले ही मरती जावे। 
  20. शुक्र बुध दोनों ही नेक हालत के और मंगल नेक का साथ हो तो शादी औलाद का फल नेक व उम्दा होगा। 
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो एक अच्छे ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुश प्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। उपाय बहुत सारे है । जिनको यहाँ लिख पाना संभव नही है और उनको अपने जीवन में उतारकर आप अपने जीवन को सुखमय बना सकते है।
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आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309
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सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले किसी अच्छे ज्योतिशाचर्य से सलाह अवश्य लें।
माता रानी सब को खुशीआं दे।

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