जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रो आज मैं बुध देव के एक ओर स्वरूप् के विषय पर चर्चा करने जा रहा हूँ और वह है कर्ज।
मित्रों लाल किताब में सबसे ज्यादा अच्छे और बुरे ग्रहों में बुध देव पहले स्थान पर आते हैं। मैंने अपने पहले पोस्ट्स में भी लिखा था कि जिसकी कुंडली में बुध देव अच्छे हालात में हों तो उस व्यक्ति की बुद्धि एकदम शुद्ध होती है। उसकी सोचने समझने की ताकत अच्छी होती है। ऐसा व्यक्ति कोई भी काम करने से पहले अपनी बुद्धि का सही इस्तेमाल करके अपने काम काज को आगे बढ़ाता है। पूरा हाजिर जबाब होता है। बातों ही बातो में कम मेहनत करके भरपूर लाभ उठाता है। अच्छा व्यापारी होता है।
उसकी व्यापार करने की और अपना फायदा निकालने की बुद्धि अच्छी होती है। उसके अपनी बुआ बहन और बेटियों से सम्बन्ध अच्छे होते हैं। साथ ही उसके परिवार की लड़कियों को अपनी ससुराल में कैसी भी, कोई भी बड़ी परेशानी नहीं आती।
जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध देव अच्छे हाल बैठे हों उसको बैंक से या बाजार से कम ब्याज पर कर्ज़ा मिल जाता है और ऐसा व्यक्ति सही समय पर कर्ज़ा चुका भी देता है। जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध देव के साथ साथ शुक्र देव भी अच्छे हाल उच्च के होकर बैठे हो तो ऐसा व्यक्ति साहूकारी या महाजनी मतलब बजाजी के काम से भरपूर रुपया पैसा कमाता है।
लेकिन जिन लोगों की कुंडली में बुध देव नीच के बुरे मन्दे या दुश्मन ग्रहों के साथ बैठे हो उनको उपरोक्त सुखों के विपरीत परेशानियाँ होती है।
ऐसे लोगों को बैंक या साहूकार से ऊँची ब्याज दर पर कर्ज़ा मिलता है। कर्ज़ा लेने के लिए रिष्वत या कमीशन देना पड़ता है। साथ ही कर्ज़ा लेने के लिए बहुत भाग दौड़ करनी पड़ती है।
इस प्रकार से इतनी मुसीबतों के बाद और दलाली या कमीशन देने के बाद जो पैसा मिलता भी है वो भी सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पाता। मतलब कर्ज़ा लेते ही 10,12 महीने बाद दुबारा से कर्ज लेने के लिए भटकना पड़ता है। पहले वाले कर्ज़े की किश्तों और ब्याज को चुकाने के लिए और इस प्रकार से ऐसा व्यक्ति धीरे धीरे बर्बादी की और बढ़ता जाता है। दिन हो या रात सोच सोच के पागल होने के कारण नींद और चैन खत्म हो जाता है। ऐसा व्यक्ति अपने आप अंदर ही अंदर डरने लगता है। उसके दिल दिमाग में हर समय डर बना रहता है। कई बार देखने में आया है की ऐसा व्यक्ति इतना डरा और सहमा रहता है की छुप कर रहना चाहता है।
यहाँ मैं एक बात और स्पष्ट कर दू कि बुध देव का अधिकार हमारी उम्र के 17, 34 और 35 सालों में होता है।
जिन लोगों की कुंडली में बुध देव नीच के होके बुरा और मन्दा प्रभाव देगें तो उसकी शुरूआत 17, 34, 35 साल की उम्र से होगी। बुध देव की एक विडम्बना और है, जब बुध देव नीच के बैठे हों तब वो 34, 35 साल की उम्र में एक बार ऊपर उठाते जरूर हैं पर 100 तक नहीं जाने देते 99 से ही वापिस नीचे खींच लेते हैं और इतना बर्बाद कर देते हैं कि लम्बे समय तक दुबारा सम्भलना मुश्किल हो जाता है।
मेने जो लक्षण आज लिखे हैं ये नीच प्रभाव बुध देव के बुरे लक्षण हैं।
मित्रों लाल किताब के ज्योतिषाचार्य बुध से ही सबसे ज्यादा क्यूं डरते हैं। जैसा कि मैंने पहले भी लिखा है कि बुध देव हमारी जिंदगी में सबसे ज्यादा दखल रखता है। चाहे पारिवारिक रूप हो चाहे भौतिक रूप हो या शारीरिक रूप हो दिनचर्या मतलब रोजाना के हालात या कर्ज आदि।
बुध और कर्ज के साथ साथ कर्ज चढ़ने के एक और स्वरुप रूप का वर्णन कर रहा हूँ और मजे की बात ये है कि यहाँ भी बुध को ही कारण माना जाता है।
मित्रो बुध देव ही नौ ग्रहों में ऐसे ग्रह हैं जो हमे जुआ, सट्टा, लाटरी, शेयर मार्केट, कमोडिटी मार्केट की तरफ आकर्षित करते हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध देव अच्छे हाल उच्च के होकर बैठे हों तो उन लोगों को उपरोक्त कार्यों में लाभ दिलवाते हैं। लेकिन जिन भाइयों की जन्म कुंडली में बुध देव नीच के मन्दे बुरे ग्रहों के साथ या अपने दुश्मन ग्रहों के साथ या उनकी दृष्टी में बैठे हों तो जुआ सट्टा लाटरी शेयर मार्केट कमोडिटी आदि कार्यों के द्वारा बर्बाद करते हैं। बुध देव के लिए जन्म कुंडली में घर 3, 8, 9, 12 नीच के होते हैं और घर 5, 11 में भी बुध के अच्छे फल नही देते। लेकिन उपरोक्त घरों में बुध हों या कंही और उन पर उनके दुश्मन केतु और मंगल की द्दष्टि पड़ती हो या बुध देव केतु , मंगल के साथ ही बैठ जायें तब भी बुध देव के बुरे फल ही मिलते हैं।
मित्रो मैं यहाँ एक बात और स्पष्ट करना चाहता हूँ कि बुध देव का सबसे ज्यादा असर हमारी जिंदगी में 17, 34, 35 साल की उम्र पर सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। जैसे बुध होंगे हमारी जन्म कुंडली में अच्छे या बुरे उनका बैसा ही असर हमारी जिंदगी में होगा।
अच्छा हो या बुरा, मित्रो जब किसी बच्चे की जन्म कुंडली में बुध देव उपरोक्त प्रकार से बुरे होकर बैठे हों तब बच्चा कम उम्र में स्कूल समय से ही गन्दी सोहबत में पड़ के जुआ, सट्टा, लाटरी या मैच आदि में पैसा लगाने लगता है और बर्बादी की तरफ बढ़ना शुरू हो जाता है। उसके अंदर अपना और अपने परिवार के लिए भला बुरा सोचने की शक्ति नष्ट होने लगती है।
बच्चा मन मर्जी करने लगता है झूठ बोलना शुरू कर देता है। घर परिवार से चोरी करना शुरू कर देता है। उपरोक्त करणों से बच्चे की पढ़ाई लिखाई चौपट होने लगती है और बर्बादी घर के बाहर खड़ी हो जाती है।
मित्रो इसी प्रकार से बुध देव 34, 35 साल की उम्र में भी बर्बाद करते हैं। लेकिन इस उम्र में बुध देव का बर्बाद करने का तरीका थोडा अलग है और इस समय में असर पूर्ण रूप से स्पष्ट होता है।
लाल किताब में बुध ग्रह को अचानक से धोखा या छलावा करने वाला ग्रह भी कहते हैं और यहाँ तक कि बुध अच्छे हालत में बैठे होने के बावजूद भी छल कर जाता है। जैसा लाल किताब में लिखा है कि जब चन्द्र ग्रह पापी ग्रहों की वजह से ख़राब होते हैं तो बुध चन्द्र से अपनी मित्रता छोड़ कर अपना अच्छा फल देना बंद कर देते हैं और बुध खराब वाला जातक अपना काम काज या नौकरी ठीक से कर रहा होता है कि अकस्मात उसके मन में रहीस बनने या मोटा पैसा कमाने के विचार आने शुरू हो जाते हैं, वो भी बिना मेहनत किये और उसे अपने आस पास के माहौल में ऐसे लोग आसानी से मिल भी जाते हैं जो जुआ, सट्टा, शेयर मार्केट या कमोडिटी मार्केट से जुड़े होते हैं या उपरोक्त काम काज के द्वारा दलाली कमीशन कमाते हैं (मैंने पहले के पोस्ट में इस के बारे में विस्तार से भी लिखा है) तो ऐसा जातक उन लोगों के झांसे में आसानी से फंस जाता है और एक बार अच्छे पैसे कमाता भी है लेकिन फिर बाद में ऐसी बर्बादी शुरू होती है की दुबारा उठना मुश्किल हो जाता है।
कर्ज सर पे चढ़ने लगता है रुपया पैसा किसी ना किसी रूप में बर्बाद होने लगता है प्रॉपर्टी बिकनी शुरू हो जाती है और कई बार तो प्रॉपर्टी में लगा हुआ पैसा फस जाता है और प्रॉपर्टी बिकना बहुत ही मुश्किल हो जाता है। घर का सोना पहले गिरवीं रख दिया जाता है और बाद में बेचना ही पड़ता है।
मित्रो उपरोक्त बातों को पड़ने के बाद एक बात पूरी तरह से साफ है की बुध देव बुरे तो जातक की बुद्धि अपना फायदा ना निकाल के बर्बादी की और भेजती है इसी लिए लाल किताब का कहना है बुध
बुरा तो सब कुछ बुरा।
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आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309
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