Monday 27 July 2015

राहू देव के दुष्प्रभाव एवं उपाए

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ……… 
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ। 
जिस प्रकार उल्लू पर पर सवार लक्ष्मी तामसी है, कार्तिक की अमावस्या को उसका पूजन होता है, उसी प्रकार सप्तशती के अनुसार महाकाली से शिव  शारदा तामसी पैदा हुए थे। यह तामसी ब्रह्मा को दी गई। यही तामसी सरस्वती (शारदा) हमारी बुद्धि में बुरे विचार पैदा करती है और बुरे कर्म कराती है। इसी के कारण ब्रह्मा जीव को जन्म - मरण के चक्र में चलाते रहते हैं। 
राहु सिर है, अतः बुद्धि और विचारों के संकल्पों - विकल्पों का केंद्र है और शारदा (सरस्वती) बुद्धि की अधिष्ठात्री है। इसीलिए वह राहु की भी अधिष्ठात्री है। लाल किताब के अनुसार दिमाग के 42 खाने राहु से प्रेरित है। राहु - केतु ग्रहों के शुभ - अशुभ योग से अच्छे या बुरे होते हैं अन्यथा राहु गरीबों का सहायक और मुसाफिरों का पथ प्रदर्शक है। 
आज मैं आप लोगों को राहू देव के विषय में कुछ रोचक जानकारी दे रहा हूँ । मित्रो जिस जातक की जन्म कुंडली में राहू देव कुंडली के घर 2 में होते हैं, तब रुपया पैसा की कमी, ससुराल से बनती नही, बिगड़ जाती है, परिवार छोटा होता है। मन्दिर में चढ़ाया पैसा नुकसान देता है। ईशान कोण की तरफ मुँह करके पूजा पाठ किया जाये तो बर्बाद कर देता है और बचपन से ही गरीबी में गुजारा चल रहा होता है, अगर शनि देव भी अच्छे हाल में ना हों, ऐसा क्यूं होता है, मैं आपको तर्क के साथ बताता हूँ।
तर्क पर गौर करें, हमारी जन्म कुंडली में घर 2 ससुराल, धन स्थान, कुटुंब, ईशान कोण और धर्म स्थान माना जाता है। अब दूसरी बात ध्यान से समझो घर 2 को गुरु देव ब्रह्स्पति का पक्का घर माना है। क्योंकि घर दो धर्म स्थान, धन स्थान और कुटुंब स्थान माना जाता है और इन सब सुखों पर ब्रह्स्पति देव का अधिकार है, इस कारण घर 2 में ब्रह्स्पति अच्छा फल देते हैं और घर 2 को ब्रह्स्पति का पक्का घर माना जाता है और घर 2 को शुक्र का भी पक्का घर माना जाता है क्योंकि काल पुरुष कुंडली के अनुसार घर दो में शुक्र की राशि पड़ती है।
इसी प्रकार से दूसरी बात भी समझें काल पुरुष कुंडली के अनुसार घर 2 में वृषभ राशि आती है क्योंकि लग्न मेष राशि का होता है। तो घर 2 वृषभ राशि और वृषभ राशि पर शुक्र देव का अधिकार है। इसको दुसरे तरीके से समझे। घर 2 में शुक्र की जमीन पर ब्रह्स्पति का मकान (राशि शुक्र की और पक्का घर ब्रह्स्पति का) और राहू देव बृहस्पति और शुक्र दोनों के जानी दुश्मन हैं। तो इन दोनों, ब्रह्स्पति और शुक का पित्र दोष बन जाता है।  
अब घर 2 के अन्य सुखों के विषय को समझें। राहू घर 2 में दोनों मालिकों ब्रह्स्पति और शुक्र का जानी दुश्मन है और पापी ग्रह भी है, राक्षस प्रवर्ति भी है, राहू देव के बारे में ये भी ध्यान रखें की राहू का स्वभाव कैसा है। हकीकत में मित्रो राहू देव अलगाव बादी ग्रह है। जँहा बैठेंगे और जँहा देखेंगे वहां के सुखों को आग लगाने या तबाह करने का काम करते है।
अब गौर करो कि राहू अपने स्वभाव बस घर 2 के सुखो को आग ही लगायेगें। साथ ही ब्रह्स्पति और शुक्र के सुखों को भी आग ही लगाएंगे क्योंकि राहू देव ब्रह्स्पति और शुक्र से दुश्मनी रखते हैं। दूसरी बात पर और ध्यान दें ब्रह्स्पति और शुक्र सात्विक और नरम ग्रह होने के कारण राहू जैसे पापी और तामसिक ग्रह से मुकाबला नही कर सकते। कारण भी है ज्ञानी व्यक्ति बुरे और दुराचारी व्यक्ति से दूर रहने में ही भलाई समझता है।
मित्रो यंहा पर मैं आप सभी को एक बात और बता दूँ कि घर 2 ससुराल के सुखों का भी होता है और ससुराल का कारक ग्रह स्वयं राहू देव ही होते हैं और राहू देव घर 2 में हों तो ससुराल से सम्बन्ध खराब करवा देते हैं। सोचो आप सभी, राहू खुद ही अपने सुखों पर भी आग ही उड़ेल देते हैं, क्यूं, कभी आप भी सोचना जरूर, यहाँ पर मैं बता देता हूँ, पाप तत्व, जी हाँ, मित्रो राहू देव के स्वभाव में तामसिकता और पाप तत्व ज्यादा मात्रा में है। इस कारण बुरा करते समय उन्हें खुद ही नही पता होता कि क्या कर रहे हैं। लेकिन सावधानी के तौर पर ससुराल से अच्छे सम्बन्ध बनाये जाएँ तो राहू देव की बुरी शरारतों से कुछ बचाव सम्भव है।
अब एक और तरीके से समझने की कोशिस करें, पूजा पाठ, अध्यात्म, मन्दिर, रुपया पैसा, घर का ईशान कोण अक्सर वहां पर मन्दिर बना होता है, हमारे परिवार के सदस्यों में बढ़ोत्तरी, ये सब ब्रह्स्पति देव के गुण हैं और जब ब्रह्स्पति के साथ या उनके घरों में उनके दुश्मन ग्रह ना हों तब ही ब्रह्स्पति अपने सुखों को खुल के भोगने देंगे। अगर ब्रह्स्पति देव के साथ या उनके घरों में उनके दुश्मन होंगे तो ब्रह्स्पति कैसे हमारे जीवन में खुशियाँ लाएंगे। 
मित्रो आपकी जन्म कुंडली में राहू देव कितने भी अच्छे हाल बैठे हो तब भी उनसे सम्बंधित सामान घर में या तन पर नही रखना चाहिए। जबकि अन्य ग्रहों में ऐसा नियम नही है। अन्य ग्रह अच्छे हों तो उनसे सम्बंधित सामान घर और तन पर धारण करने से उनके अच्छे फल मिलते हैं। लेकिन राहू देव अच्छे हों या बुरे पर उनसे सम्बंधित सामान से दूर ही रहें।
राहू का सामान जैसे बिजली का खराब सामान, बन्द घड़ियां, खोटे सिक्के, विदेशी करन्सी, बिना ताले की चाबियां, बिना चाबी के ताले, बारिश की भीगी लकड़ी, कीलें, नट बोल्ट, पुरानी डाक टिकट या अन्य किसी भी प्रकार का कबाड़ जो इस्तेमाल में ना आ रहा हो, जो हमे अपने घर पर नही रखना चाहिये और राहू के नीले रंग के कपडे इस्तेमाल नही करने चाहिए ।
अपने घर की छत को हमेशा साफ रखें। घर की सीढ़ियों के ऊपर या नीचे कैसा भी अच्छा या बुरा सामान कभी भी ना रखें। कटे फ़टे और गन्दे बिस्तर का उपयोग ना करें। साबुन या सर्फ में भीगे कपड़े रात को स्नानघर में ना छोड़ें। बाथरूम्स एवं टॉयलेट्स को एकदम साफ सुथरा और खुशबूदार रखें। रात के झूठे बर्तन साथ के साथ साफ करें उन्हें सुबह के लिए ना छोड़े। इसके अतिरिक्त राहू देव का रंग गहरा नीला होता है। इसलिए नीले रंग के कपड़े ना डालें और घर के पर्दे तकिये बिस्तर आदि का रंग भी नीला ना रखें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

2 comments:

  1. Sir ,
    Krpaya shaadi kab hoga prem vivah ya arranged patni aur vaivahik jeevan kaisa hoga kripaya dekhen.

    Videsh yatra kab Main ek software engineer hoon. Kundli attach kiya hai.

    Kindly check when my marriage will happen. Love/Arranged Marriage. Physical appearance, beauty, job& education , nature of wife and my marital life please. . My Jupitor is on Virgo ascendant with Saturn. Both are retrograde.

    Date of Birth: 10 February 1981 Tuesday
    Time of Birth: 21:43 (=09:43 PM), Indian Standard Time
    Place of Birth: Bhubaneswar (Orissa), India
    Latitude: 20.13N Longitude: 85.50E
    Gender : Male ; Marital Status : Single

    I am a B.Tech work as a Software Engineer in Bangalore in a reputed MNC.

    Sumit Tripathy

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  2. ११००० भी उसी राहू का दूसरा भाई है।

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