जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रो आज मै आपको शुक्र देव से सम्बंधित जानकारी देना चाहता हूँ। शुक्रदेव का हमारी कुंडली में बड़ा ही अलग सा किरदार होता है।
शुक्र गुरु है उन दैत्यों का जो निद्रा और वासना के पुतले है। उन्हें धर्म या दर्शन से कोई दरोकर नहीलाल किताब में शुक्र को उन्ही (वासना और विश्राम) का कारक मन गया है। अकेला शुक्र किसी भी भाव में बुरा नही।
यदि बुध शुक्र से 1, 2, 3 भावों में स्थित हो तो दोनों के फल संयुक्त रूप से शुभ होते है अलग अलग भी अच्छे ही होते है। इन स्थानों में केतु भी शुभ फल देता है। यदि भाव स्तिथि इससे भिन्न हो तो राहु फल को विषाक्त कर देता है। यदि शुक्र और बुध 2-8, 3-9, 6-12, 8-2 हों तो खराब फल देता है, किन्तु ऐसा बहुत कम होता है। शुक्र और बुध एक दूसरे से 150 की दुरी पर प्राय नही जाते। यदि बुध षष्ठ भाव में और शुक्र द्वादश भाव में हो तो दोनों उच्च के होते है। अतः शुभ फल देते है। यदि राहु की दृष्टि शुक्र पर हो तो या शुक्र की दृष्टि राहु पर हो तो शुक्र के फल शून्य जाते है। यदि जन्म कुंडली में शुक्र पर किसी प्रकार का विपरीत प्रभाव होतो गोचर से जब भी वह अशुभ घर में आयेगातो उसके फल शून्य हो जायेंगे।
शुक्र की अधिस्ठात्री देवी लक्ष्मी है। उसकी धातु चांदी और रत्न हीरा माने गए है। वह पत्नी और प्रेमिका की कारक है। कपूर, घी, दही, रुई और सुगंध देने वाले पौधे शुक्र के छेत्र अधिकार में आते है। देहंगो में वह चेहरे का कारक है। भाव को सक्रिय करता है और चतुर्थ में राशिफल का ग्रह बन जाता है। ग्रहों को 35 साला दौरे में उसे 3 साल मिले है।
कुछ लाल किताबकार के अनुसार शुक्र सफेद रंग (दही) दुनिया की मिट्टी, ज़माने की लक्ष्मी, गऊ माता, मर्द की औरत ने किसी को नीच न किया। इसलिये हर एक ने पसन्द किया और खुद नीच किया।
''बदी खुफिया तू जिससे दिन रात करता, वक्त मन्दा तेरे वही सर पर चढ़ता।''
शुक्र के ग्रह को दुनियावी किस्मत से कोई ताल्लुक नहीं। सिर्फ इश्क व मुहब्बत की फालतू दो से एक ही आंख हो जाने की ताकत शुक्र कहलाती है। स्त्री ताल्लुक, गृहस्थ आश्रम, बाल बच्चों की बरकत और बड़े परिवार का 25 साला ज़माना शुक्र का अहद है। इस ग्रह में पाप करने कराने की नस्ल का खून और गृहस्थी हालत में मिट्टी और माया का वजूद है। मर्द के टेवे में शुक्र से मुराद स्त्री और औरत के टेवे में उसका खाविन्द मुराद होगी। अकेला बैठा हुआ शुक्र टेवे वाले पर कभी भी बुरा असर न देगा और न ही ऐसे टेवे वाला गृहस्थी ताल्लुक में किसी का बुरा कर सकेगा।
बुध का ताल्लुक :
जब दृष्टि के हिसाब से आमने सामने के घरों में बैठे हों तो चमकती हुई चांदनी रात में चकवे चकवी की तरह अकेले अकेले होने का असर मन्दरज़ा जैल होगा।
अगर बुध कुण्डली में शुक्र से पहले घरों में बैठा हो तो इस तरह दोनों के मिले हुए असर में केतु की नेक नीयत का उम्दा असर शामिल होगा। लेकिन अगर शुक्र कुण्डली में बुध से पहले घरों में हो तो इस तरह मिले हुए दोनों के असर में राहु की बुरी नीयत का असर शामिल होगा। दृष्टि वाले घरों में बैठे होने के वक्त शुक्र का असर प्रबल होगा। लेकिन जब बुध पहले घरों में हो और मन्दा होवे तो शुक्र में बुध का मन्दा असर शामिल हो जायेगा। जिसे शुक्र नही रोक सकता व गृहस्थ मन्दे नतीजे हाेंगे।
जब अकेले अकेले बन्द मुट्ठी के खानों से बाहर एक दूसरे से 7वें बैठे हो तो दोनो ही ग्रहों और घरों का फल निकम्मा होगा। मगर शुक्र 12 और बुध 6 में दोनों का उच्च होगा जिसमें केतु का उत्तम फल शामिल होगा। ऐसी हालत में बैठे होने के वक्त दोनों का असर बाहम न मिल सकेगा।
जब दोनो ग्रह जुदा जुदा मगर आपस में दृष्टि के खानों की शर्त से बाहर हों तो जिस घर शुक्र हो वहां बुध अपना असर अपनी खाली नाली के ज़रिए लाकर मिला देगा और शुक्र के फल को कई दफ़ा बुरे से भला कर देगा। लेकिन बुध के साथ अगर दुश्मन ग्रह हों तो ऐसी हालत में शुक्र कभी भी बुध को ऐसी नाली लगाकर अपना असर उसमें मिलाने नही देगा। गोया ऐसी हालत में बुध किसी तरह भी शुक्र को निकम्मा या बरबाद नही कर सकता।
दुश्मन ग्रहों से ताल्लुक :
सूरज और सनीचर जो बाहम दुश्मन हैं अगर इकट्ठे बैठे हों तो टेवे वाले पर बुरा असर नही होता। जमा और तफरीक बराबर होती रहती है। लेकिन जब सनीचर शुक्र बैठे को कोई भी ग्रह देखे तो सनीचर देखने वाले ग्रह को जड़ से मार देगा। अगर टेवे में सूरज और सनीचर झगड़ा हो तो शुक्र मारा जायेगा। यानि जब सूरज देखे सनीचर को तो सनीचर की बरबादी होने की बजाये शुक्र का फल बरबाद होगा। लेकिन अगर सनीचर देखे सूरज को तो शुक्र आबाद या उसका फल उत्तम होगा। बहरहाल अगर शुक्र के साथ जब दुश्मन ग्रह हो तो शुक्र और दुश्मन ग्रह सब की ही अश्यिा रिश्तेदार या कारोबार मुताल्लका पर हर तरफ से उड़ती हुई मिट्टी पड़ती और किस्मत मन्दी का ज़माना होगा।
राहु का ताल्लुक :
शुक्र गाय और राहु हाथी, इन दोनों को बाहमी ताल्लुक कहां तक अच्छा फल दे सकता है ? जब कभी बज़रिया दृष्टि दोनों मिल रहे हों, शुक्र का फल बरबाद होगा। दो बाहम दुश्मन ग्रह साथी दीवार वाले घर में बैठे हुए जुदा जुदा ही रहा करते हैं। लेकिन अगर शुक्र अपने दुश्मन ग्रहों के घर बैठा हो और राहु साथी दीवार वाले घर में आ बैठे तो शुक्र का वही मन्दा हाल होगा जो कि शुक्र के साथ ही इकट्ठा राहु बैठ जाने या दृष्टि से या मिलने पर मन्दा हो सकता है।
जन्म कुण्डली में शुक्र अगर अपने दुश्मन ग्रहों को देख रहा हो तो जब कभी बमुजिब वर्ष फल शुक्र मन्दा हो या मन्दे घरों में जा बैठे, वह दुश्मन ग्रह जिनको कि शुक्र जन्म कुण्डली में देख रहा था, शुक्र के असर को ज़हरीला और मन्दा करेंगे ख्वाह वह शुक्र को अब देख भी न सकते हों । ऐसे टेवे वाला जिससे खुफिया बदी किया करता था अब वही दुश्मनी और बरबादी का सबब होगा।
उपाय
लग्न -
- अपने खाने में से कुछ भाग गाय को, कुत्तों या पछियों को दें।
- सास ससुर से शुद्ध चाँदी ग्रहण करें।
- गोमूत्र पिये।
- जौ और सरसों दान में दें।
- पत्नी सिर पर सोना पहनें।
- भगवान पर पूरा विस्वास रखें।
द्वितीय भाव -
- व्यापार लिए चौपाये जानवर रखे।
- आलू ,दही और मक्खन का दान दें।
तृतीय भाव -
- अपनी पत्नी के साथ ही दुबारा शादी करें।
- घर में संगीत नृत्य बंद करें।
चतुर्थ भाव -
- अपनी पत्नी के साथ ही दुबारा शादी करें।
- सदाचार का पालन करें।
पंचम भाव -
- सदाचारी बने रहें।
- गायों की सेवा करें।
- माता पिता की इच्छा विरुद्ध या प्रेम विवाह न करें।
- पति पत्नी दोनों अपने गुप्तांगो को दूध से धोये।
षष्ठ भाव -
- नारी मात्र का सम्मान करें।
- घर की स्त्रीया कभी भी कहीं भी नंगे पैर न रहें।
सप्तम भाव -
- सफ़ेद के अतिरिक्त अन्य रंगो की गायों की सेवा करें और उन्हें भोजन दें।
- दहेज़ में काँसे के बर्तन लें।
अष्टम भाव -
- भगवान के नाम पर भी कोई दान स्वीकार न करें।
- मंदिरों के सामने मस्तक नवाये।
- गंदे नाले में कुछ फूल या ताम्बे के सिक्के डालें।
नवम भाव -
- घर की नींव में चांदी और सहद डालें।
- मांस, मछली, अण्डा, शराब आदि तामसिकवस्तुओं का सेवन न करें।
दशम भाव -
- शनि के उपाय करें।
- घर की पश्चिम दिशा की दीवार कच्ची रखें।
- पर नारी से रति न करें।
- अति कामुकता से बचें।
एकादश भाव -
- बुध के उपचार यहाँ भी काम देंगे।
- शनिवार को तेल का दान करें।
द्वादश भाव -
- गोदान करें।
- पत्नी द्वारा नीले फूल जमीन में गाढ़े।
- पत्नी किसी न किसी प्रकार दान करें।
- शुद्ध घी का दीया जलाये।
सब भावों के सामान्य उपचार -
- शुक्रवार को उपवास रखें।
- शुद्ध घी ,दही और कपूर पूजा -स्थानों में चढ़ाये।
- हीरा या मोती पहनें।
- कपड़ों में सुगंध और मुँह पर क्रीम पाउडर लगायें।
- साफ़ सुथरे प्रेस किये हुए कपडे पहनें।
- फटे पुराने या जले हुए वस्त्र बिलकुल न पहनें।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें।
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है।
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है।
आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a024@gmail.com
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। माता रानी सब को खुशीआं दे।
उपाय
लग्न -
- अपने खाने में से कुछ भाग गाय को, कुत्तों या पछियों को दें।
- सास ससुर से शुद्ध चाँदी ग्रहण करें।
- गोमूत्र पिये।
- जौ और सरसों दान में दें।
- पत्नी सिर पर सोना पहनें।
- भगवान पर पूरा विस्वास रखें।
द्वितीय भाव -
- व्यापार लिए चौपाये जानवर रखे।
- आलू ,दही और मक्खन का दान दें।
तृतीय भाव -
- अपनी पत्नी के साथ ही दुबारा शादी करें।
- घर में संगीत नृत्य बंद करें।
चतुर्थ भाव -
- अपनी पत्नी के साथ ही दुबारा शादी करें।
- सदाचार का पालन करें।
पंचम भाव -
- सदाचारी बने रहें।
- गायों की सेवा करें।
- माता पिता की इच्छा विरुद्ध या प्रेम विवाह न करें।
- पति पत्नी दोनों अपने गुप्तांगो को दूध से धोये।
षष्ठ भाव -
- नारी मात्र का सम्मान करें।
- घर की स्त्रीया कभी भी कहीं भी नंगे पैर न रहें।
सप्तम भाव -
- सफ़ेद के अतिरिक्त अन्य रंगो की गायों की सेवा करें और उन्हें भोजन दें।
- दहेज़ में काँसे के बर्तन लें।
अष्टम भाव -
- भगवान के नाम पर भी कोई दान स्वीकार न करें।
- मंदिरों के सामने मस्तक नवाये।
- गंदे नाले में कुछ फूल या ताम्बे के सिक्के डालें।
नवम भाव -
- घर की नींव में चांदी और सहद डालें।
- मांस, मछली, अण्डा, शराब आदि तामसिकवस्तुओं का सेवन न करें।
दशम भाव -
- शनि के उपाय करें।
- घर की पश्चिम दिशा की दीवार कच्ची रखें।
- पर नारी से रति न करें।
- अति कामुकता से बचें।
एकादश भाव -
- बुध के उपचार यहाँ भी काम देंगे।
- शनिवार को तेल का दान करें।
द्वादश भाव -
- गोदान करें।
- पत्नी द्वारा नीले फूल जमीन में गाढ़े।
- पत्नी किसी न किसी प्रकार दान करें।
- शुद्ध घी का दीया जलाये।
सब भावों के सामान्य उपचार -
- शुक्रवार को उपवास रखें।
- शुद्ध घी ,दही और कपूर पूजा -स्थानों में चढ़ाये।
- हीरा या मोती पहनें।
- कपड़ों में सुगंध और मुँह पर क्रीम पाउडर लगायें।
- साफ़ सुथरे प्रेस किये हुए कपडे पहनें।
- फटे पुराने या जले हुए वस्त्र बिलकुल न पहनें।
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है।
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है।
आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a024@gmail.com
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव फ्रैंचाइज़ी में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। माता रानी सब को खुशीआं दे।
When someone gets attached, it feels very amazing. When I get bored in the house, I come to the people to comment. Thank you very much
ReplyDeleteHot Girls Service In Sector 24 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 25 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 26 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 27 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 28 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 29 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 30 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 31 Gurugram
Hot Girls Service In Sector 32 Gurugram