Wednesday 29 April 2015

शाह सलामत का तख़्ते बादशाही ...
























जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ। 

तख़्त हज़ारी
’’घर पहला है तख़्त हज़ारी, ग्रह फल राजा कुण्डली का;
जोतिष में इसे लग्न भी कहते, झगड़ा जहां रूह माया का।’’
लाल किताब में कुण्डली के घर खाना नम्बर 1 को शाह सलामत का तख़्ते बादशाही कहा गया है। खुद अपना जाती जिस्म, तमाम अज़ू , वजूद, जाती कमाई, रोज़ी रोटी, सुभाओ गर्मी खुश्की व आतिषी होगा । खुद साख्ता मकान, अपना तख़्त, चारदीवारी, मय तहके गोशे, सामान सवारी, रूह रूहानी व दिमागी ताकत, मर्दो का ताल्लुक, गुस्सा परोपकार, राज दरबार, पुरानी रसोमात व मकानात का ताल्लुक, वक्त जवानी, ज़माना हाल, मौजूदा जन्म, साथ लाया हुआ खजाना वास्ते खुद अपना जन्म, दुनिया में नाम किस हैसियत का होगा। यह सहन (मकान के बीच या सामने का मैदान) है खाना नम्बर 7 का और इस घर का न्याकर्ता (मुन्सिफ) होगा शुक्र।
खाना नम्बर 1 में सूरज उच्च, शनि नीच और मंगल घर का ग्रह का होगा। मगर खाना नम्बर 7 में शनि उच्च, सूरज नीच और शुक्र घर का ग्रह होगा। अगर खाना नम्बर 7 खाली हो तो खाना नम्बर 1 के उच्च ग्रहों का असर शक्की ही होगा। तख़्त पर बैठा हुआ ग्रह राजा और खाना नम्बर 7 में बैठा हुआ ग्रह उसका वज़ीर होगा। अगर तख्त पर एक ग्रह और खाना नम्बर 7 में ज्यादा ग्रह बैठे हों तो राजा वज़ीरी होती है। मगर जब उल्ट हो जावे तो सातवें की जड़ कट जाती है। मसलन् खाना नम्बर 1 में चार ग्रह बृहस्पत चन्द्र बुध राहु और खाना नम्बर 7 में अकेला केतु हो तो 34 साला उम्र तक नर औलाद नदारद या पैदा होकर मरती जावे और 48 साला उम्र तक एक ही लड़का कायम हो। अगर 48 साला उम्र से दूसरा लड़का कायम हो जावे तो लड़की बेवा, बेईज्जत या दीगर मन्दे नतीजों से बरबाद होगी। कुण्डली वाला अगर चार और जानों को रोटी का हिस्सा देवे तो नर औलाद कायम होगी और औलाद पैदा होने के दिन से चारो ग्रह मुश्तर्का राजयोग होंगे वर्ना उम्दा असर की बजाये खाक या हर तरह लानत नसीब होगी। जब खाना नम्बर 1 में ज्यादा ग्रह हों तो खाना नम्बर 1 का मुन्सिफ शुक्र होगा।
जिस वक्त टेवे मेे असल मंगल के अलावा मसनूई मंगल नेक या बद दोनों ही मौजूद हों तो नम्बर 1 देखेगा खाना नम्बर 11 को । अगर नम्बर 11 खाली हो तो नम्बर 1 ग्रह अपना असर करने के ताल्लुक में बुध की चाल पर चलेगा। जब नम्बर 8 खाली हो तो 1 वाले ग्रह की आंखों को रोकने के लिए कोई रूकावट न होगी और वह खुद ही अपनी आंखों से देखभाल करता होगा। तख़्त पर बैठे हुये ग्रहचाली हुक्मरान राजा के अहद में उसके लिए खाना नम्बर 1 लैंन्स ,नम्बर 8 फोक्सिंग ग्लास और नम्बर 11 रैगुलेटर होगा।
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आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a024@gmail.com 
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माता रानी सब को खुशीआं दे।

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