Wednesday 28 November 2012

इल्मे लाल किताब की मुख़्तलिफ़ कहानियां ........

सबसे पहले आलिम पंडित रूप चंद जोशी जी को मेरा सलाम ........ 
मित्रों आज मैं लाल किताब के सिलसले में चंद मुख्तलिफ बातें बयान करने जा रहा हूँ जिसे पड़कर आप लाल किताब के बारे में और ज़्यादा यकीन  करने लग जाएँगे । 

लाल किताब के जुमला हकूक महफूज़
"बिमारी का बगैर दवाई भी इलाज़ है, मगर मौत का कोई इलाज नही।

दुनियावी हिसाब किताब है, कोई दावा-ए-खुदाई नही।"

"एस्ट्रोलॉजी बेस्ड ओं पामिस्ट्री" (अंग्रेज़ी में) "इल्मे सामुद्रिक की बुनियाद पर चलने वाले ज्योतिष की मदद से हाथ रेखा के ज़रिए दुरूस्त की हुई जन्म कुण्डली से जिंदगी के हालात देखने के लिए लाल किताब सन 1952 प्रिन्टर व पब्लिशर्स शर्मा गिरधारी लाल साकन फरवाला डाकखाना नूरमहल, जिला जालन्धर नरेन्द्र प्रैस न्यू देहली" जी हां, यह इबारत लाल किताब के पहले सफे पर उर्दू में लिखी हुई है।

किताब पर कीमत का कोई ज़िक्र नही मगर अंग्रेज़ी में फार प्राइवेट सरकुलेशन लिखा हुआ है। 
ज़ाहिर है कि गिनती की किताबें छपी जो आज कुछ लोगों के पास महफूज़ हैं। किताबों का पूरा सैट तो किसी किसी के पास होगा। कुछ घरों में लाल किताब बतौर शो पीस ही पड़ी है। क्योंकि वहां न तो किसी को उर्दू आता है और न ही किसी को ज्योतिष में शौक है।

हाथ रेखा को समन्द्र गिनते, नजूमे फल्क का काम हुआ;

इल्म कियाफा जोतिष मिलते, लाल किताब का नाम हुआ।
लाल किताब के इस शेयर पर गौर किया जाये तो पता चलता है कि इल्म कियाफा और ज्योतिष के संगम को लाल किताब कहा गया है। अब इल्म क्या है ...........यह सोचने की बात है। किताब उर्दू ज़ुबान में लिखी गर्इ मगर इस पर लेखक का नाम नही है। कुछ लोगों के पूछने पर पंडित जी ने बताया था ..........पता नही कौन उन्हें  लिखाता रहा। किताब का ही एक और शेयर है........
क्या हुआ था क्या होगा, शौक दिल में आ गया;
इल्मे जोतिष हस्त रेखा, हाल सब फरमा गया।
कौन फरमा गया...........ऐसा समझा जाता है कि किसी गैबी ताकत ने लाल किताब पंडित जी को लिखवार्इ थी। ऐसी बेमिसाल किताब लिखना आम आदमी के बस की बात नही। यकीनन पंडित जी खुदा रसीदा इन्सान थे, जिनको खास मकसद के लिये चुना गया। एक और शेयर है.......
लाल किताब है जोतिष निराली, जो किस्मत सोर्इ को जगा देती है;
फरमान पक्का देके बात आखिरी, दो लफ्ज़ी से ज़हमत हटा देती है।
इसमें कोर्इ शक नही कि यह एक निराली किताब है । ज्योतिष की कोर्इ दूसरी किताब शायद ही लाल किताब का मुकाबला कर सके। किताब को पढ़ने समझने के लिये उर्दू ज़ुबान पर पकड़ होना ज़रूरी है। जहमत को हटाने के लिए किताब में जो उपाऐ बताये गये हैं, उनका कोर्इ जवाब नही। भला हो उन लोगों का जिन्होने लाल किताब के नाम पर उल्टी सीधी नकली किताबें हिन्दी में छाप डाली।

अब तो नकली किताब का बोलबाला है क्योंकि यह असानी से मिल जाती है। जबकि असली किताब ज़रा मुशिकल से मिलती है। फिर आजकल की नस्ल को उर्दू नही आता। लिहाज़ा मुशिकल हो गर्इ। मगर आदमी वही जो मुशिकलों को पार करके अपनी मंजि़ल तक जा पहुंचे। इसलिए बेहतर होगा कि उर्दू सीखा जाये और असली किताब हासिल की जाये। वैसे भी जो किताब जिस ज़ुबान में लिखी जाये, उसका लुत्फ उसी ज़ुबान में होता है। कल को जब ज्योतिष का इतिहास लिखा जायेगा तो यकीनन लाल किताब का नाम बाकी सब किताबों के ऊपर लिखा जायेगा।

शुरू शुरू में कुछ लोगों ने पैसे की खातिर लाल किताब की फोटो कापियां बनवाकर बेचीं। इससे खास फायदा न हुआ क्योंकि उर्दू जानने वाले लोग बहुत कम थे और जो हैं वो भी वक्त के साथ साथ खतम हो रहे हैं। 

फिर किसी ने लाल किताब का हिन्दी में उल्टा सीधा तर्जमा करके छपवा दिया। इससे उसको तो फायदा हुआ होगा मगर लाल किताब की मिटटी खराब हो गर्इ। खैर एक  सज्जन ने नकली किताब खरीद ली । वह कुछ महीनों में किताब का माहिर बन बैठा और बड़े बड़े दावे करने लगा। फिर और भी नकली किताबें बाज़ार में आ गर्इ। हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर नकली किताब तैयार करने कराने वालों को ज्योतिष और उर्दू एक साथ नही आता। 

अब सवाल यह है कि मसला कैसे हल किया जाये। पहला तरीका........उर्दू सीखा जाये। लाल किताब हासिल की जाये। अगर न मिले तो उसकी फोटो कापी ले ली जाये। उसको पढ़ा और समझा जाये। फिर लाल किताब की बात की जाये। कुछ लोगों ने ऐसा किया है। दूसरा तरीका........कोई ऐसा आदमी जिसे उर्दू आता हो और लाल किताब को भी समझता हो, वह किताब को हुबहू हिन्दुस्तानी में लिखवा दे तो बात बन जाये। अब पता नही यह कब हो, हो या न हो। दोनो ही तरीकों में वक्त और मेहनत की ज़रूरत है। मगर वक्त की कमी है और मेहनत भी कौन करे । तो फिर क्या करें ? दोनो तरफ मुशिकल है।
लेकिन गुरुदेव जी डी वशिस्ट जी ने नामुमकिन हल होने वाले मसले को हल कर डाला और लाल किताब के बहुत से रहस्यों को ज़ाहिर कर दिया। आज उनकी इज़ाद की हुई किताब "यस ई कैन चेंज" (Personalized Horoscope) शख्स की तमाम ज़िन्दगी का हाल बयान करती है और आने वाले वक्त की परेशनियों के हल भी मुहैया करवाती है। एक बार फिर से मेरा उनको सलाम।

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