Friday 1 May 2015

खाना न 9 - किस्मत का आगाज़ ....


जय माता दी ! 
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ……… 
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ। 
कुछ लाल किताबकार के अनुसार "नौवा भाव भाग्य है" माना जाता है। लाल किताब में इसे अगाजे किस्मत कहा गया है। इस भाव का स्वामी बृहस्पति है, कारक भी वही है। लाल किताब में इसे गुरु की गद्दी कहा गया है। नौवे घर पर पाँचवे घर की दृष्टि होती है। नौवें की अपनी दृष्टि नही होती। नौवां भाव कर्मों का सागर है। यह द्वितीय भाव पर कर्मो की वर्षा करता है। 2 - 9 का गहरा सम्बन्ध है। नौवां भाव जब सोया हुआ होता है तो द्वितीय भाव के माध्यम से जगाया जाता है। लेकिन यह तभी संभव है जब तृतीय और पंचम भाव खाली हों। पहले तीसरे भाव का प्रभाव शामिल होता है। फिर पाँचवे भाव का प्रभावशामिल होता है तब दूसरा भाव जगता है ।
घर तीजे का असर हो पहले, बाद मिला घर पांच का हो ।
तीसरा भाव भी सोया हुआ हो तो तीन साल की आयु के बाद असर होता है। सोया हुआ ग्रह गोचर से नवम में आने के बाद सक्रिय होता है तो वह अपनी आयुष्य पर फल देना शुरू करता है और अपनी निश्चित आयु पूरी होने तक फल दिए जाता है लाल किताब में प्रत्येक ग्रह की आयु निर्धारित की गयी है। उदहारण से टेवे में गुरु दूसरे घर में हो और गोचरवशात् नवम भाव में आता हो तो वह सोलह वर्ष तक (32 वर्ष की आयु तक )फल दिए जाता है। ग्रहों की आयु के सम्बन्ध में आगे यथास्थान विचार किया जायेगा। सूर्य चन्द्र नवम भाव में हो तो सदा शुभ फल देते है। राहु - केतु भी जातक पर बुरा प्रभाव नही डालते। नवम भाव के ग्रहों की चीज़े तिलक के स्थान पर लगाने से इस भाव के अनिष्ट शांत होते है । 
’’जड़ बुनियाद ग्रह 9 होता, किस्मत का आगाज़ भी हो; 
घर दूजे पर बारिश करता, समन्दर घिरा ब्रहमण्ड भी हो।’’ 
लाल किताब के मुताबिक किस्मत का असल आगाज़ (शुरुवात) खाना नम्बर 9 का ग्रह होगा। नम्बर 9, जब नम्बर 3-5 खाली हो तो नम्बर 2 की मार्फत जाग पड़ेगा। नम्बर 9 के ग्रह की मुताल्लिका अश्या तिलक की जगह लगाने से नम्बर 9 का असर पैदा होगा।
खाना नम्बर 9 के ग्रह किस्मत के बुनियादी ग्रह होते हैं। इस खाने में खाना नम्बर 3 और खाना नम्बर 5 के ग्रहों का असर भी आ मिलता है। औलाद की पैदायश के दिन से खाना नम्बर 5 का असर न सिर्फ खाना नम्बर 9 में जाने लग जाता है बल्कि बाप बेटे की मुश्तर्का किस्मत 70-72 साला सवाल करने लग जाता है। खाना नम्बर 3 का असर कुण्डली वाले के अपने जन्म से ही खाना नम्बर 9 में मिलने लग जाता है। औलाद की पैदायश के दिन से पहले खाना नम्बर 5 का असर खाना नम्बर 9 में गया। वह बाप बेटे की मुश्तर्का किस्मत पर असर नही करता बल्कि खाना नम्बर 9 की दूसरी चीजें यानि धर्म कर्म और कुण्डली वाले के अपने बज़ुर्गो के ताल्लुक में असर रखता है। औलाद की पैदायश के दिन से खाना नम्बर 5 का असर कुण्डली वाले के अपने बज़ुर्गो की बजाये खुद कुण्डली वाले की अपनी किस्मत पर असर करता है। इसी तरह खाना नम्बर 3 का असर भाई की पैदायश के दिन से खाना नम्बर 9 में जब जायेगा तो कुण्डली वाले की अपनी जात पर असर करेगा और भाई की पैदायश से पहले कुण्डली वाले के अपने बज़ुर्गों के ताल्लुक में दखल देगा। अगर उसका भाई पहले ही मौजूद हो तो बड़े भाई की किस्मत का असर कुण्डली वाले में आयेगा। खाना नम्बर 3 की इस ताकत की वजह से मंगल की राशि नम्बर 8 मंगल बद मौत ने भी उल्टा देखा क्योंकि मंगल नेक और बद दोनों भाई ही हैं। उम्र के पहले 35 साला चक्कर में छोटा भाई भी हो और औलाद भी शुरू हो जावे तो खाना नम्बर 5 का असर खाना नम्बर 3 के असर पर प्रबल होगा। अगर खाना नम्बर 3 व नम्बर 5 दोनो ही खाली हों तो किस्मत की बुनियाद पर सिर्फ खाना नम्बर 9 के ग्रह माने जायेंगे। अगर खाना नम्बर 9 भी खाली हो तो यह शर्त ही उड़ गई। 
खाना नम्बर 5 का असर कुण्डली वाले पर उसके बुढ़ापे में होता है और खाना नम्बर 3 का बचपन से या यूं कहो कि खाना नम्बर 3 का असर उम्र के पहले 35 साला चक्कर में होता है और खाना नम्बर 5 का उम्र के दूसरे 35 साला चक्कर पर या किस्मत की बुनियाद पर उम्र के पहले 35 साला चक्कर में खाना नम्बर 3 का असर होगा और दूसरे 35 साला चक्कर में खाना नम्बर 5 का असर किस्मत की बुनियाद पर होगा। खुलासातन उम्र के दूसरे 35 साला चक्कर में खाना नम्बर 5 का असर नम्बर 3 के असर पर प्रबल होता हुआ किस्मत की बुनियाद पर होगा। हर हालत में खाना नम्बर 5 प्रबल होता है और खाना नम्बर 3 नीचे दब जाने वाला । खाना नम्बर 9 का अपना असर हर वक्त साथ होगा। पहले घरों के ग्रह बाद के घरों के ग्रहों को अपनी दृष्टि के वक्त जगा दिया करते हैं। अगर बाद के घरों में कोई ग्रह न होवे तो वह खाना सोया हुआ गिना जाता है। फर्जन खाना नम्बर 11 में कोई न कोई ग्रह मौजूद है मगर खाना नम्बर 3 खाली है तो इस हालत में खाना नम्बर 11 के ग्रह सोये हुये माने जायेंगे। जिनको जगाने के लिए किस्मत के जगाने वाले ग्रह की ज़रूरत होगी। बाद के घरों के ग्रहों के जागने के दिन से किस्मत का जागना मुराद होगी। इस तरह अगर खाना नम्बर 9 के ग्रह खास खास सालों में जागें तो खाना नम्बर 9 में दिया हुआ असर पैदा होगा। जिस साल से पहले घरों के ग्रहों का पहला दौरा शुरू, उस साल के बाद के घरों के ग्रह जाग पड़े होंगे और उस साल से पहले ग्रह सोये हुये माने जायेंगे। सालों में वर्षफल के हिसाब से शुरू हो या न हो तो भी ऊपर का फल देंगे। शुरू उम्र की तरफ से अपनी अपनी उम्र में शुरू होकर अपनी अपनी उम्र के अर्सा तक ही यानि बृहस्पत 16 साल से शुरू होकर 16 साल ही यानि 32 साला उम्र तक, सूरज 22 से 22 साल कुल 44 साला उम्र तक, सनीचर 60 से 60 साल तक कुल 120 साल तक वगैरह वगैरह ऊपर का फल देंगे। वर्षफल के हिसाब से खाना नम्बर 9 वाले का असर उसकी अपनी आमतौर पर शुरू होने की मियाद की बजाये जन्मदिन से ही शुरू होता हो तो वह ग्रह जन्मदिन से ही अपनी उम्र के अर्सा तक ही ऊपर का फल देगा यानि बुध 34 साल, मंगल 28 साल, सनीचर 60 साल वगैरह। खुलासातन खाना नम्बर 9 के तमाम ग्रह जब कभी भी शुरू होवे वह अपनी-अपनी आम उम्र की मियाद तक फल देंगे सिवाये सनीचर के जो 60 साल उम्दा फल देगा। इस तरह खाना नम्बर 9 में शुक्र या बुध और मंगल बद सबसे मन्दे और सनीचर नम्बर 9 में सबसे उत्तम और सबसे लम्बा अर्सा 60 साल का होगा। 
बृहस्पत के खाना नम्बर 9 में ऊपर दिये हुये खास खास वक्तों में जागे हुये ग्रह का असर इस तरह होगा।
  • बृहस्पत :- निहायत मुबारक
  • सूरजः- निहायत मुबारक
  • चन्द्रः- निहायत मुबारक
  • शुक्रः- मंगल बद का असर
  • मंगलः- निहायत उत्तम
  • बुधः- मंगल बद का असर
  • सनीचरः- मुबारक
  • राहुः- मुबारक खर्चा
  • केतुः- मुबारक सफर

इस घर के ग्रह शुरू उम्र में और हर एक ग्रह अपने शुरू होने के दिन से अपनी पूरी उम्र तक फल देंगे।
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आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव 
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860954309 
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माता रानी सब को खुशीआं दे।

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