Sunday 3 May 2015

पैदायश औलाद .....

जय माता दी !

गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………

मित्रों आज मैं औलाद देर से होने या न होने या होकर मर जाने या औलाद हो जाने के बाद परिवारिक जीवन अच्छे से न चल पाने या औलाद समय पर हो जाने और परिवारिक जीवन अच्छे से चलने में ग्रहों के कारणों पर चर्चा करने जा रहा हूँ। यहाँ मैंने औलाद होने से सम्बंधित कुछ बहुत बुरे योग मसलन औलाद होने के बाद परिवार में झगड़ा या बटवारा हो जाना या परिवार के किसी सदस्य का मर जाना वगरैह का ज़िकर किया है। क्यों कि यह विषय बड़ा होने के कारण यहाँ एक ही पोस्ट में विस्तार से व्याख्या कर पाना मुश्किल है। इसलिए इसे मैंने अलग से ब्लॉग में लिखा है। आशा करता हूँ कि इसे पढ़ने में आप सब को कठिनाई नहीं होगी। असुविधा के लिए क्षमा चाहता हूँ। मुझे उम्मीद है की आप सब को इससे लाभ जरूर होगा। (मित्रों यहाँ कुछ बातें ऐसी लिखी हैं जिन्ह ज्योतिषाचार्य आसानी से समाज जायेगे, लेकिन कुछ मित्रों को उनको समझने के लिए किसी अच्छे ज्योतिषचार्ये से संपर्क करना होगा)


पैदायश औलाद:-फरमान नम्बर 17 के मुताबिक
'' शुक्र मंगल बुध केतु राजा, शनि भी शामिल होता हो ।
पहले पांचवें नर ग्रह चन्द्र, मंगल दूजे केतु ग्यारा हो ।
जन्म वक्त औलाद का होगा, ज़िन्दा पैदा जो होती हो ।
बुध लड़की नर केतु लड़का देता, गिनती भले पर होती हो ।
केतु बैठा घर 11 टेवे, गुरू, चन्द्र, शनि
औलाद मन्दी या देरी होवे, लाश पैदा या मुर्दा हो ।
केतु, शनि, बुध
रवि, शुक्र, राहु
वक्त पैदायश लड़का/लड़की होवे, लेख उम्र उस लम्बा हो ।
केतु कायम तो लड़के कायम, लड़की कायम राहु करता हो।
छटे चन्द्र दे कन्या ज्यादा, चौथे केतु नर देता हो ॥ ''
यानि वर्षफल के हिसाब से, चन्द्र नष्ट तो औलाद नष्ट, बुध और केतु में से जो भी उम्दा हालत में हो लड़के या लड़की का फैसला उसी से, खाना नम्बर 5 में उम्दा ग्रह तो लड़का, केतु उम्दा तो औलाद उम्दा, राहु मन्दा तो औलाद मन्दी ।

वक्त औलाद:-

  1. खाना नम्बर 5 मंदे ग्रहो से अगर रद्दी न हो रहा हो तो औलाद की पैदायश उम्दा वरना औलाद में अड़चन होगी।
  2. केतु खाना नम्बर 2, 5, 7, 1, सनीचर नम्बर 1, 11 जब बहैसियत पापी ग्रह न बैठा हो, बगैर शर्त औलाद का योग देंगे।
  3. बुध जब जब शुक्र का दोस्त मददगार हो तो लड़का वर्ना लड़की देगा।
वर्षफल के हिसाब से जब मंगल या शुक्र या केतु या बुध में से कोई खाना नम्बर 1 में आ जावे या अकेला केतु खाना नम्बर 11 में हो जावे या मंगल का वक्त और खाना नम्बर 2 में मंगल, शुक्र, केतु, बुध के मददगार ग्रहों की हालत हो तो औलाद होगी। बुध और केतु की अपनी अपनी हालत या दोनों में से जो उम्दा होवे नर या मादा का फैसला करेगा। उम्दा केतु लड़का, उम्दा बुध लड़की देगा। 

जब वर्षफल में औलाद का वक्त हो:-

  1. लड़के देगें शुक्र के दोस्त ग्रह यानि सनीचर, केतु, बुध मगर शुद शुक्र नही । जब वो उम्दा हों या 3 , 5, 11 में हों जावें।
  2. लड़कियां देगें बुध या बुध के दोस्त सूरज, शुक्र, राहु जब वो उम्दा हों या 3, 5, 11 में हों जावें।
बृहस्पति कायम तो सब औलाद कायम। राहु कायम तो सब लड़कियां कायम बशर्ते कि ग्रहों पर उनके दुश्मन ग्रहों की दृष्टि न पड़ रही हो। चन्द्र नम्बर 6 तो सब लड़कियां हों। केतु नम्बर 4 तो सब लड़के हों मगर आपस में वह साथी ग्रह न बन रहे हों। चन्द्र केतु इकट्ठे लड़के लड़कियां मसावी (बराबर) ।
बृहस्पति शुक्र मुश्तर्का, केतु स्वभाव सनीचर मसनुई तो औलाद ज्यादा और कायम होगी। लेकिन जब मंगल बुध मुश्तर्का, मसनुई सनीचर राहु के मन्दे स्वभाव का होवे तो औलाद माता के पेट में ही बर्बाद होती जावे। ऐसी हालत में अगर बृहस्पति, चन्द्र या सूरज नेक या उम्दा हो तो सनीचर की 36 साला उम्र में औलाद कायम होगी। लेकिन अगर ऐसी मदद न मिले तो केतु का जाती (अपना) फैसला (जन्म कुण्डली में बैठा होने के हिसाब से ) बहाल होगा। चन्द्र केतु नम्बर 5 लड़के कायम। राहु नम्बर 11 लड़कियां कायम बशर्ते सनीचर नीच, मन्दा या नम्बर 6 में न हो। राहु नम्बर 9 में, 21 साला उम्र से 42 तक सिर्फ एक लड़का कायम, बाद में और हो सकता है। राहु नम्बर 5 निहायत मन्दा ग्रह वास्ते औलाद। अगर चन्द्र या सूरज साथ साथी या मुश्तर्का दीवार के खाना नम्बर 4, 6 में न हों। सनीचर खाना नम्बर 7 में लड़के बशर्ते राहु नम्बर 11 में न हो या नर ग्रह मन्दे न हों।
वालदैन व औलाद का बाहमी (आपसी) ताल्लुक:-सनीचर नम्बर 3 सूरज नम्बर 5 औलाद से दुखिया होगा। जन्म कुण्डली में अगर सूरज के साथ उसके दोस्त ग्रह बैठें हो तो वह शख्स अपने बाप से उम्दा हालत का होगा। लेकिन अगर सूरज के साथ उसके दुश्मन ग्रह बैठें हो तो ऐसे शख्स की औलाद उससे मन्दी हालत की होगी।

औलाद का वालदैन को सुख:- बृहस्पति और चन्द्र अकेले अकेले बैठें होने के वक्त अगर कुण्डली में चन्द्र पहले हो तो माता की उम्र लम्बी होगी वर्ना पिता लम्बी उम्र भोगेगा। जन्म कुण्डली के हिसाब से सूरज खाना नम्बर 6 और सनीचर हो खाना नम्बर 12 में तो औरत पर औरत मरती जावे या मां बच्चों का ताल्लुक ही न देखे या सुख से पहले चलती जावे। बुध मारता होवे बृहस्पति को या बुध बृहस्पति के घरों में या बृहस्पति के साथ ही तो बच्चे पिता पर भारी (दुख या मौत का सबब) होंगे।

साहबे औलाद दर औलाद होगा:-

'' गुरू, शुक्र, बुध, शनि, रवि से, ऊँच कायम कोई उम्दा हो ।
पूत बढ़ते पुश्तों बढ़ते, उम्र लम्बी सब सुखिया हो ।
पांच पहले 3 ग्रह जब उम्दा, औलाद सुखी सुख पाता हो ।
सेहत, दौलत, धन, आयु, सबका, नेक भला और उम्दा हो।
गुरू केतु जब शनि को देखे, असर तीनों का उम्दा हो ।
धन, आयु, औलाद इकट्ठे, सुख औरत का पूरा हो ॥''
यानि ऐसी हालत में औलाद, सेहत, धन दौलत, औरत और उम्र, हर तरह का सुख होगा। बेटे के आगे बेटा होता जावे और पुश्त आगे बढ़ती जावे । जब तक बृहस्पति उम्दा औलाद सुखिया होगी।

लावल्द (बे-औलाद) कभी न होगा :-

'' दूजे छटे जब शुक्र जागे, मदद गुरू रवि पाता हो ।
मच्छ रेखा परिवार कबीले, औलाद दौलत सब उम्दा हो ।
छटे रवि घर 12 होते, साथी मंगल बुध बनता हो ।
तीन राहु, घर दोस्त बदले लावल्द कभी न होता हो ॥''

लावल्द ही होगा :-

''बुध, मंगल
शुक्र, केतु
गुरू शुक्र घर 7वें बैठें , माता चन्द्र 8 बैठी हो ।
चन्द्र शुक्र हों मुकाबिल बैठे, शत्रु साथ या पापी हो ।
छते कुएं घर कायम होते, टेवा शक्की लावल्दी हो ।
शुक्र राहु घर 5वां पाते, कन्या कायम एक होती हो ।
चन्द्र केतु हो 11 बैठे, निशानी लावल्दी होती हो ॥''
ऊपर के जबाड़े के सामने के तीन दांत खत्म हो गये हों तो बुध नष्ट हो चुका हुआ लेंगे। कुआं छतकर या बन्द करके ऊपर मकान बनाना लावल्दी का सबब होगा।

हिजड़ा मर्द :-

'' सात शनि चन्द्र पहले, पांच शुक्र रवि चौथे हो।
चार ग्रह औलाद न फलते, हिजड़े मर्द न होते जो ॥''
जब चन्द्र हो खाना नम्बर 1, सनीचर नम्बर 7, सूरज नम्बर 4 और शुक्र नम्बर 5 में तो नामर्द होगा।

बांझ औरत

''शुक्र दूसरे 6वें बैठा, बुध मंगल न साथी हो।
शनि मिले न साथ गुरू का, आठ दृष्टि खाली हो ।
बांझ औरत वह खुसरा होगी, औलाद नरीना कतई हो ।
बाकी सिफत कुल उम्दा उसकी, उत्ताम लक्ष्मी होती हो ॥''
यानि खाना नम्बर 2, 6 का शुक्र हर तरह से अकेला हो तो औरत बांझ या नाकाबिले औलाद होगी चाहे उसमें बाकी सिफतें हों ।
कुण्डली में मन्दे ग्रहों को बदलना तो इन्सानी ताकत से बाहर है लेकिन उसकी ग्रह चाल को लाल किताब के उपायों से दुरूस्त करके फायदा लिया जा सकता है ।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

1 comment:

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