Sunday 3 May 2015

खाना न 8 - मुकाम फानी ........

जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आप सब को आचार्य हेमंत अग्रवाल का नमस्कार। मित्रों मैं आप सब का धन्यवाद करता हूँ कि आप सब समय निकाल कर मेरे आर्टिकल्स पड़ते हैं और उनसे अधिक अधिक लाभ उठाते हैं। अगर आप सब को आर्टिकल्स में किसी सब्जेक्ट के बारे में और अधिक जानकारी लेना चाहते हैं तो आप निसंकोच मुझसे संपर्क कर सकते हैं। जो कि मुझे आर्टिकल्स को और भी बेहतर बनाने में उत्साहित करेगा। मित्रों अगर आप की ज़िंदगी में कोई भी समस्या चल रही है और आप उससे निजाद पाना चाहते है तो मुझे ज़रूर लिखें और मैं पूरी कोशिश करूंगा कि उसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी आप लोगों को मुहैया करवा सकूँ।
अष्टम भाव
कुछ लाल किताबकार के अनुसार आठवां भाव बीमारी और मृत्यु का भाव माना गया है। लाल किताब में इसे मुकाम फानी ,मौत अदल और न्याय का घर कहा गया है।
आठवें भाव का स्वामी मंगल है। कारक शनि और मंगल दोनों है। इसीलिए इसे शनि और मंगल की साजी गद्दी कहा गया है। अष्टम भाव में कर्म और फल का न्याय चन्द्रमा करता है। उसके न्याय में माफ़ी या दया के लिए नही है।
आठवां भाव (विपरीत दृष्टि ) दूसरे को देखता है। दूसरा छटे को और छटा बारहवें को देखता है। इस प्रकार आठवें के ग्रहों का प्रभाव दूसरे और छटे भाव में होता हुआ बारहवें भाव तक जाता है।
आठवें भाव में बैठकर सूर्य, चन्द्र और मंगल शुभ फल देते है - वे चाहे एक एक करके हों या तीनों इक्कठे हों ।
सूर्य चन्द्र के साथ गुरु हो तो आठवें घर की घेराबंधी हो जाती है। उसके ग्रहों का प्रभाव उसी में रहता है ,दूसरे में भी नही जा पाता। 
अष्टम भाव में चन्द्र और मंगल के साथ शनि मिल जाये तो अनिष्ट करता है। चन्द्रमा स्वस्थ्य बिगाड़ता है और शनि मृत्यु देता है, मंगल दूसरे तथा छटे भाव से प्रभाव ग्रहण करके मंगल बद हो जाता है। वह जातक को हर तरह से अपमानित और कलंकित करता है और मृत्यु भी देता है। इस भाव में ये तीनो एक एक अकेले ही हो तो शुभ फल देते है। 
शनि के द्वितीय भाव में न रहते हुए मंगल - बुध आठवें घर में हो तो उत्तम फल देते है। 
छटे या आठवें घर में कोई ग्रह पीड़ित हो तो अशुभ फल देता है। उसका अनिष्ट द्वादश को भी प्रभावित करताहै। अतः 6 , 8 ,12 पर एक साथ विचार करना चाहिए। 
द्वितीय भाव से सम्बन्धी मामलों में चन्द्रमा सबसे अधिक बलवान होता है। स्वग्रही और उच्च का होकर वह बारहवें भाव के अशुभ फल को मिटा देता है।(मृत्यु के बारे में 8,2,6 के प्रभाव के निर्णय खाना न १२ करेगा, चाहे वह उनका शत्रु ग्रह ही क्यों न हो और अंतिम अपील खाना न २ में चन्द्र के पास होगी, जो मारक स्थान 2 में उच्च का है)
अष्टमस्थ ग्रह यदि द्वितीयस्थ और एकादश्य ग्रहों के शत्रु हुए तो मर्मान्तक चोट पहुंचाते है। ग्यारह भाव का ग्रह गोचर से आठवें या ग्यारहवें में (वर्ष फल में ) आये, उस समय ग्यारह भाव में बैठे हुए ग्रह की चीज़े घर में लाना अशुभ है। इससे स्वास्थ्य बिगड़ता है, धन हानि होती है।
चतुर्थ भाव में बैठा हुआ ग्रह 2, 11 के ग्रहों का शत्रु हुआ तो मौका पाकर आठवें में बैठा हुआ ग्रह हमला कर देता है - मृत्यु देता है । 
कुछ लाल किताबकार के अनुसार लाल किताब में खाना नं0 8 को मुकाम फानी कहा गया है। इस घर के ग्रह ''अदले का बदला'' के असूल पर अपना काम करेंगे। खाना नं08 मंगल का घर और सनीचर का हैड क्वार्टर है।
  • अगर खाना नं0 8 में बृहस्पति, सूरज या चन्द्र में से कोई भी अकेला या दो या तीन मुश्तर्का बैठ जावें तो यह खाना न आगे खाना नं0 12 को और न पीछे खाना नं0 2 को देखेगा, बल्कि खाना नं0 8 का ऐसा असर सिर्फ इसी खाने में बन्द हुआ गिना जायेगा। गोया मौत के घर को योगी जंगी जीत लेगा।
  • सनीचर, चन्द्र या मंगल अकेले अकेले इस घर में उम्दा मगर जब कोई दो या तीन मुश्तर्का हों तो सनीचर मौतों का भण्डारी, चन्द्र दौलत व सेहत को बर्बाद करने वाला और मंगल में खाना नं0 2-6 का मन्दा असर शामिल या वह मंगल बद हर तरह की लानत का देवता जलता ही होगा। 
  • बुध खाना नं0 8 हमेशा मन्दा। 
  • मंगल नं0 8 अमूमन् बुरा मगर मंगल बुध मुश्तर्का नं0 8 में उत्तम होंगे, जब तक नं0 2 में सनीचर न हो, वर्ना मंगल बद ही होगा जो मैदाने जंग मे मौत का बहाना खड़ा करेगा।
  • खाना नं0 8 की मन्दी हालत खाना नं0 4 मार्फत नं0 2 होगा। जब तक खाना नं0 2 खाली हो तो मन्दी हालत नं0 8 तक महदूद होगी। 
  • खाना नं0 11 में अगर खाना नं0 8 के दुश्मन ग्रह हों तो नं0 8 का बुरा असर नं0 2 में न जायेगा।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

1 comment:

  1. I've been following your blog for a while now, and I'm always impressed by the consistent quality of your posts.
    also read this post Astrodeep Dr. Mirtunjay Mishra, Best Astrologer In Gurgaon

    ReplyDelete