जय माता दी !
गुरुदेव जी डी वशिस्ट के आशीर्वाद से ………
मित्रों आज मैं बुध देव के बारे में चर्चा करने जा रहा हूँ। इस पोस्ट में मैं बुध देव के कुंडली में अलग अलग घरों में अच्छे और बुरे प्रभावों के बारे में बताऊँगा। अगर आप की कुंडली में भी ऐसे योग हों या बुध से सम्बंधित नीचे लिखे हुए हालात हों तो किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुश प्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें ।
बुध सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है। लेकिन जितना छोटा उतना ही खोटा है। यह अँधेरे में रह कर तीर चलाता है और चुपके चपके काम बिगाड़ देता है। उदाहरण के लिए किसी की आज पेशी है। उसने जज को रिश्वत देकर जज को पक्का कर लिया है कि फैसला उसके पक्ष में ही आयेगा । अब बुध को शरारत सूझी उसने जज के दस्त लगा दिए और उसके आसन पर कोई दूसरा जज आकरबैठ गया। उसने जातक के विरुद्ध फैसला सुना दिया। इसीलिए लाल किताब में बुध की तुलना ऐसे चमगादड़ से की गयी है जो अँधेरे में उल्टा लटका रहता है, मौका पाकर बच्चों के मुँह पर झपट्टा मरता है। जातक को पता ही नही चल पाता और बुध भाग्य को उल्टा घुमा देता है।
लाल किताब में बुध को देवताओं का सन्देश वाहक छोकरा बताया गया है। इसका फल यह है कि यह दूसरे ग्रह में मिला देता है। इस दृष्टि से उसे संदेशवाहक नही बल्कि फलवाहक कहना चाहिए। बुध जिस ग्रह के प्रभाव में या साथ में होता है उसी का फल जातक को देता है। यह अच्छो के साथ अच्छा बुरों के साथ बुरा हो जाता है। गंगा गए गंगादास, यमुना गए यमुनादास। यदि बुध का आदेशक ग्रह नवम में हुआ तो यह कोई फल नही देता। यह राहु केतु के फल सदा ही ढोता रहता है। केवल चतुर्थ इसका अपवाद है। 3, 8, 9, 12 में बुध सदा ही अशुभ होता है। 1, 5, 7, 8 और 11 में राहु अशुभ होता है। यदि बुध और राहु दोनों ही अपने अपने अशुभ स्थानों में है तब तो बुध गजब ढाह देता है। प्रबलतम दुष्ट फल करता है। वह जातक को जेल में न डाले तो भी जेल यातना जैसे कष्टों में जरूर डाल देता है। उसे अकारण ही दूसरों की शरण लेनी पड़ती है।
बुध की शरारतों से रक्षा करने में स्टील का छल्ला रक्षा कवच का काम करता है। बुध और केतु में दृष्टि सम्बन्ध हो तो बुध अपनी भाव स्तिथि के अनुसार फल उत्पन्न करता है और केतु ऐसा आचरण करता है जैसा वह अपनी नीच राशिगत होकर किया करता है । जो जातक बुध के दुष्प्रभावों से पीड़ित हों उन्हें अपनी नाक बिंधवा लेनी चाहिए। उन्हें अपनी नाक सूखी और साफ़ रखनी चाहिए।दांत साफ़ रखना भी प्रभावी उपचार है। बहन, साली और मासी की सेवा करनी चाहिए ।
दुर्गा बुध की अधिस्ठात्री देवी है। दांत, मस्तिष्क और स्नायुतंत्र इसके अंग है। पत्रकारिता, प्रकाशन और प्रेस के व्यवसायों का बुध प्रतिनिधित्व करता है। तोता, बकरी और चमगादड़ इसके जीव है।बुआ, मौसी, साली, बहन और बेटी के रिश्तों का कारक बुध है। अपनी भाव स्तिथि के आधार पर बुध कुछ ग्रहों के फल उत्पन्न करता है, कुछ के फल बिगाड़ता है। लाल किताब में उसकी व्यवस्था इस प्रकार दी गयी है –
निम्नलिखित ग्रहों की जरूरत पड़ने पर बुध मदद करता है
'' उल्ट पांव चमगादड़ लटका, खुफिया शरारत करता हो ।
घर पक्का जिस ग्रह का होगा, वहां वही बन बैठता हो।''
लाल किताब्कर के अनुसार अक्ल के उल्ट काम कर करा के टेवे वाले को चमगादड़ की तरह लटका देना, कोई छुपी शरारत करके मुश्किल में डाल देना, जिस घर में बैठना उस घर के पक्के ग्रह की तोते की तरह नकल करना, मौका देखकर गिरगिट की तरह रंग बदल लेना वगैरह वगैरह बुध ग्रह की खास सिफतें हैं। इसीलिए पण्डित जी (लाल किताब की रचना करने वाले) बुध को उल्लू का पट्ठा कहा करते थे।
''घर 2, 4 या 6 में बैठा, राज योगी बुध होता हो।
7वें घर में पारस होता, ग्रह साथी को तारता हो।
9, 12, 8 तीसरे, 11, थूके कोढ़ी बुध होता हो।
घर पहले 10 घूमता राजा, परिवार दौलत 5 देता हो''।
- बुध बैठा होने वाले घर का मालिक ग्रह जब नम्बर 9 में बैठ जावे तो बुध की तरह वह खाली चक्कर या बेकार निष्फल होगा।
- सिर्फ खाना नम्बर 4 के बुध में राहु केतु का असर नहीं, इसलिए राज योग है। बाकी हर जगह पाप बुध के दायरे मेें होगा।
- ज़हर भरा बुध जब बैठा हो खाना नम्बर 3 में कबीले पर भारी और खानदान पर मन्दा, नम्बर 8 में जानदार चीज़ों और जानों पर मन्दा, नम्बर 9 में टेवे वाले की अपनी ही हर हालत (माल व जान) पर मन्दा, नम्बर 11 में आमदन की नाली में रोढ़ा अटकावे, नम्बर 12 में कारोबार और रात की नींद बर्बाद करे।
- ज़हर से भरा खुद मारा जावे तो बेशक मगर 1 से 4 (सिवाये खाना नम्बर 3 जहां कि दूसराें के लिए थूकता हुआ कोढ़ी यानि मन्दा) पर मन्दा न होगा। नम्बर 5 से 10 में दहशत (डर) तो ज़रूर देगा। नम्बर 11, 12 में हड़काये कुत्तो की तरह जिसे काटे वो आगे हड़काकर भागने लगे।
- बुध अमूमन (आम तौर पर) खाना नम्बर 1, 2, 9 से 12 में सनीचर (शनि) की मदद करेगा। चाहे ज़हर मिला लोहा मार देने वाली ज़हर निर्धन करने वाला होगा। नम्बर 3 से 8 में सूरज की मदद, धन दौलत उम्दा चाहे 3 और 8 में हज़ारो दुख: खड़े करेगा।
- बुध से मुराद बहन, बुआ, फूफी, मासी, साली, व्यापार और दूसरे बुध के काम होगा। बुध के बगैर तमाम ग्रहों में झुकने झुकाने की ताकत कायम न होगी।
- बुध्दि के काम तिज़ारत, व्यापार, हुनर, दस्तकारी, दिमागी लियाकतों (बुध्दिमत्ताा) से धन दौलत कमाने का 34 साला उम्र का ज़माना बुध की हकूमत होगा। किसी भी चीज़ के न होने की हालत, बुध का होना या उसकी हस्ती कहलाती है। यानि खाली जगह में बुध का दखल होगा।
- ज़हर से भरा बुध खाना नम्बर 1 से 4 में (सिवाये खाना नम्बर 3 के) साथ बैठे ग्रह पर कभी मन्दा असर न देगा। खुद बेशक बुरे असर अपने देवे मगर कोई ज़हर मिला वाकिया न करेगा। नम्बर 11 से 12 जिस ग्रह को काटे वह हड़काये कुत्तो की तरह दूसरों को भी आगे हड़काता चला जावे।
- चन्द्र राहु के झगड़े में बुध बर्बाद होगा।
- बुरे ग्रहों के साथ बैठा उस ग्रह का असर और भी बुरा कर देगा और भले ग्रह के साथ बैठने से न सिर्फ उस भले ग्रह को और भी भला कर देगा बल्कि खुद भी भला हो जायेगा। यानि जिससे मिलेगा उसकी ही ताकत का असर देगा।
- यह ग्रह दरखतों पर उल्ट पांव लटके हुये चमगादड़ की तरह अन्धेरे में जागकर खुफिया (छुपी) शरारत करता होगा। मकान में मन्दे बुध की पहली निशानी यह होगी कि नये बनाये मकान में किसी न किसी वजह से सिर्फ सीढ़ियां गिराकर दोबारा बनने का बहाना होगा। चार दीवारी और छत्त नही बदली जायेगी।
पाप (राहु, केतु) बुध के दायरे में चलता है सिवाये खाना नम्बर 4 के जहां कि बुध राजयोग होगा क्योंकि वहां राहु, केतु पाप न करने की कसम खाते हैं । शुक्र मन्दे को ज़रूर मदद देगा मगर पाप मन्दे के वक्त खुद भी मन्दा होगा और मौत गूंजती होगी। बल्कि ऐसी हालत में अगर शुक्र भी ऐसे घरों में हो जहां कि बुध मन्दा गिना गया है तो वह शुक्र को भी बर्बाद कर देगा। अकेला बैठा हुआ बुध निकम्मा व बगैर ताकत होगा और उस ग्रह का फल देगा जिस ग्रह का वह पक्का घर है जहां कि बुध बैठा हो। धोखे से बचने के लिए यह बात साफ होनी चाहिए कि घर की मालकीयत दो तरह की होती है। एक तो बतौर घर का मालिक और दूसरी हालत में हर एक घर किसी न किसी ग्रह का पक्का घर मुकर्रर हैं । मसलन् खाना नम्बर 1 का मालिक तो मंगल है मगर यह पक्का घर सूरज का है । खाना नम्बर 3, 8, 9, 11, 12 का मन्दा बुध बेवकूफ कोढ़ी मल्लाह जो खतरे के वक्त अपनी बेड़ी को खुद ही गोता देने लगे और आमदन की नाली में रोढ़ा अटकाने वाला हो जावे।
- बुध का अण्डा अक्ल का बीज़ नहीं मगर अक्ल की नकल ही अण्डा है जो कुण्डली के खाना नम्बर 9 में पैदा होता है।
- ग्रह कुण्डली में खड़ा अण्डा (मैना, आम, बकरी) बुध कुण्डली के खाना नम्बर 2, 4, 6 में होगा। लेटा हुआ अण्डा (भेड़) बुध कुण्डली के खाना नम्बर 8, 10 में होगा।
- गन्दा अण्डा बुध कुण्डली के खाना नम्बर 12 में होगा।
- आम हालत (मां धी) बुध कुण्डली के खाना नम्बर 1 में होगा।
- चमगादड़ व किसी चीज़ का साया या अक्स मगर असल चीज़ जिसका साया या अक्स है, का पता न लगे कि वह कहां है, बुध कुण्डली के खाना नम्बर 3, 9 में होगा।
- दूध देना वाला बकरा मगर बकरी दाढ़ी वाली, बुध कुण्डली के खाना नम्बर 5 में होगा।
- चौड़े पत्ताों वाला दरखत, मैना का उपदेश, लाल कण्ठी वाला तोता, बृहस्पति की नक्ल, बुध कुण्डली के खाना नम्बर 11 में होगा।
मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें।
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है।
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आचार्य हेमंत अग्रवाल
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com
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माता रानी सब को खुशीआं दे।
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