Monday 8 June 2015

व्यवसय से सम्बंधित जानकारी (भाग 5) .....

जय माता दी ।
गुरुदेव जी ० डी ० वशिष्ट के आशीर्वाद से………
बुध आकाश, बृहस्पत वायु, सूर्य एवं मंगल अग्नि, चन्द्रमा, जल, तथा शुक्र, पृथ्वी है। यह तत्व तो सदैव समान है। जो धरती में बोये गए बीज को उसके गुण, कर्म, स्वाभाव अनुसार पैदा करते हैं, पालते हैं, यही कारण है कि ग्रह भी कर्मो के अधीन है। आज भी मैं बुध देव का एक और स्वरूप् आपको दिखाना चाहता हूँ। लाल किताब के जानकर ज्योतिषाचार्य बुध से ही सबसे ज्यादा डरते हैं। मित्रो बुध हमारी जिंदगी में सबसे ज्यादा दखल रखता है। चाहे पारिवारिक रूप हो चाहे बौद्धिक रूप हो या शारीरिक रूप हो दिनचर्या, मतलब रोजाना के हालात या कर्ज आदि।
आज मैं बुध के साथ साथ कर्ज चढ़ने के एक और रूप की व्याख्या कर रहा हूँ।
मित्रो बुध देव ही नव ग्रहों में ऐसे ग्रह हैं जो हमे जुआ, सट्टा, लाटरी, शेयर मार्केट, कमोडिटी मार्किट, डेरीवेटिव ट्रेडिंग की तरफ आकर्षित करते हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध देव अच्छे हाल उच्च के होकर बैठे हों तो उन लोगों को उपरोक्त कार्यों में लाभ दिलवाते हैं। लेकिन जिन भाइयों की जन्म कुंडली में बुध देव नीच के मन्दे बुरे ग्रहों के साथ या अपने दुश्मन ग्रहों के साथ या उनकी दृष्टी में बैठे हों तो उपरोक्त लिखे बुध देव से सम्बंधित कारक व्यवसाय के द्वारा बर्बाद करते हैं। बुध देव के लिए जन्म कुंडली में घर 3,8,9,12 नीच के होते हैं और घर 5,11 भी बुध के अच्छे फल नही देते। लेकिन जैसा कि मैंने पहले लेखों में लिखा था कि उपरोक्त लिखे घरों में बुध हों या किसी भी तरह उन पर उनके ग्रह दुश्मन केतु और मंगल की द्दष्टि पड़ती हो या बुध देव केतु , मंगल के साथ ही बैठ जायें तब भी बुध देव के बुरे फल ही मिलते हैं।
मित्रो मैं यहाँ एक बात और नियम स्पष्ट करना चाहता हूँ कि बुध देव का असर हमारी जिंदगी में 4.25, 8.5, 17, 34, 35 साल की उम्र में दिखाई देने लगता है। जैसे बुध होंगे हमारी जन्म कुंडली में अच्छे या बुरे उनका बैसा ही असर हमारी जिंदगी में होगा। अच्छा हो या बुरा।
मित्रो जब किसी बच्चे की जन्म कुंडली में बुध देव उपरोक्त प्रकार से बुरे होकर बैठे हों, तब बच्चा कम उम्र में, स्कूल समय से ही गन्दी सोहबत में पड़कर जुआ, सट्टा, लाटरी या मैच आदि में पैसा लगाने लगता है और बर्बादी की तरफ बढ़ना शुरू कर देता है। उसके अंदर अपना और अपने परिवार के लिए भला बुरा सोचने की शक्ति नष्ट होने लगती है।
बच्चा मन मर्जी करने लगता है झूट बोलना शुरू कर देता है। घर, परिवार में चोरी करना शुरू कर देता है। उपरोक्त करणों से बच्चे की पढ़ाई लिखाई चौपट होने लगती है और बर्बादी घर के बाहर खड़ी हो जाती है।
बुध खराब बाला जातक अपना काम काज या नौकरी ठीक से कर रहा होता है कि अकस्मात उसके मन में रहीस बनने या मोटा पैसा कमाने के विचार आने शुरू हो जाते है, वो भी बिना मेहनत किये और उसे अपने आस पास के माहौल में ऐसे लोग आसानी से मिल भी जाते हैं जो जातक को गलत ढंग से पैसा कमाने के ढंग बतातें हैं। तो ऐसा जातक उन लोगों के झांसे में आसानी से फंस जाता है और एक बार अच्छे पैसे कमाता भी है लेकिन फिर बाद में ऐसी बर्बादी शुरू होती है कि दुबारा उठना मुश्किल हो जाता है।
कर्ज सर पे चढ़ जाता है, रुपया पैसा बर्बाद हो जाता है। प्रॉपर्टी बिकनी शुरू हो जाती है। घर का सोना पहले गिरवीं रख दिया जाता है। बाद में बेचना ही पड़ता है।
मित्रो उपरोक्त बातों को पड़ने के बाद एक बात पूरी तरह से साफ है की बुध देव बुरे तो जातक की बुद्धि, अपना फायदा ना निकाल कर, बर्बादी की और भेजती है, इसी लिए लाल किताब का कहना है कि बुध बुरे तो सभ कुछ बुरा। जब कभी भी बुध पहले घर में और मंगल बाहरवें घर में हो तो बुध का फल धन और जातक के सुख के लिए अच्छा ही रहता है। बुध के अपने कारोबार या चीजें जैसे हरा रंग, ट्रेडिंग, हकीमी के काम शुभ होंगे यदि बुध पूरी तरह से शुभ हो।
भाइयो हम सब में से कौन नही जनता की रुपया पैसा कैसे आता है। हमारे घरों का गुजारा कैसे चलता है। बात साफ है काम काज, व्यापार, नौकरी से तो भाइयो संसारिक और पारिवारिक तौर पर सबसे ज्यादा जरूरत है वो भी अच्छे हालात में, जैसा कि मैंने पहले पोस्ट्स में लिखा कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में बुध देव अच्छे और एक दम साफ सुथरे हालात में बैठे हों तो ऐसे व्यक्ति को उच्च कोटि का व्यापारी बनाते हैं। ऐसा व्यकति कम मेहनत में ही सिर्फ बातों ही बातों में भरपूर कमाई करता है।
लेकिन बुध देव जिनकी जन्म कुंडली में नीच के बुरे या अपने दुश्मन ग्रहों के साथ बैठे हों तो काम काज व्यापार में नित नई परेशानी खड़ी रहती है। जो लोग ट्रेडिंग के व्यापार करते हैं, उनका घर 7 भी खराब हो तो उपरोक्त परेशानी और भी ज्यादा बढ़ती जाती है। क्यों कि खाना नं 7 रोजाना होने बाली आये का होता है। इस कारण खाना नं 7 का अच्छा होना भी जरूरी है तब ही डेली सोर्स ऑफ़ इनकम अच्छी हो सकती है। जिन लोगों की कुंडली में बुध खराब हों साथ ही खाना नं 7 में भी सूर्य,राहु,या गुरु में से कोई भी एक या 2 मिलकर बैठ जाएँ तो व्यापर ना करें नौकरी करें या दलाली कमिशन का काम करें। यहाँ पर मैं एक बात और बताना चाहता हूँ कि जब बुध देव मन्दे नीच के होते हैं तो बुध का ज्यादा बुरा असर 34, 35 साल की उम्र में होता है। साथ ही जब बुध देव बुरे हों तो 34 साल की उम्र में बुध देव पहले अच्छे हलात बनाते हैं। फिर 35 साल की उम्र पूरी होते होते ऐसा जमीन पर पटकते हैं की जातक वर्षों तक दुबारा उठ ही नही पाता। बुध खराब की एक और पहचान है कि जातक जीवन में 100 तक कभी नही पहुँच पाता। इसके आलावा काम काज व्यापार और नौकरी को खराब करने में खाना नं 10 का भी बड़ा योगदान होता है। खाना नं 10 को कुंडली में काम काज और नौकरी का घर माना जाता है। लेकिन जब खाना नं 10 में आपस में दुश्मन ग्रह एक साथ बैठ जाएँ तब भी काम काज नौकरी में परेशानी बनी रहती है। काम काज नौकरी बार बार बदलते हैं। खाना न 10 के बारे में विस्तार से व्याख्या मैं अपने पिछले पोस्ट में कर चुका हूँ। 

मित्रो आज मैं उपरोक्त हालात के विषय में कुछ खास बातें भी आप के सामने रख रहा हूँ। जिनको पड़ने के बाद वो लोग जिन्होंने इन हालात में जिंदगी गुजारी होगी सोच में पड़ जायेंगे की लाल किताब ज्योतिष में ऐसा क्या है कि किसी व्यक्ति के हालात को इतने अच्छे प्रकार से बताया जा सकता है। जब बुध खराब हों तो हमेशा अच्छी प्रकार से चलते हुए काम काज में अकस्मात (प्रॉब्लम) परेशानी होती है। पहले सब ठीक होता है पर अकस्मात छलावा(धोखा) सा होता है और सब कुछ नष्ट होने लगता है। ऐसे व्यकति को पता ही नही चलता की क्या हुआ। बर्बादी के कारण क्या हैं। अपनी आँखों से देख कर यकीन ही नहीं होता और बर्बादी सामने खड़ी होती है। दिमाग काम करना बन्द कर देता है। मन में दिमाग में अजीब सी भ्रांतियां घर कर लेतीं हैं। उसकी बुद्धि काम ही नहीं कर पाती।

एक खास बात और जब किसी की कुंडली में बुध देव उपरोक्त हालात के होते हैं तो बैंक या किसी भी फाइनेंस कंपनी से कर्जा भी करवा देते है और ऐसा जातक जिसका बुध ख़राब हो कर्जा चुकता नहीं कर पाता, इस कारण ऐसे व्यक्ति की समाज में इज्जत मान भी नष्ट हो जाता है।
मित्रो अगर आपकी कुंडली में बुध खराब हों तो बुध से सम्बंधित सामान अपने तन और घर से दूर करें। बुध देव जिस भी दुश्मन ग्रह के साथ हों तो बुध के साथ उस ग्रह का भी इलाज करें। घर 10 में आपस में दुश्मन ग्रह एक साथ बैठे हों तो हर 2, 3 महीने में 10 अंधे मर्दों को खाना खिलाये।
सिर्फ इतने से उपाय करके आप बुरे हालात से बच सकते हैं और वो भी बहुत आसानी से की जा सकती हैं। ज्यादा खर्चीली नहीं हैं और हाँ मित्रो इतनी आसानी से किये जा सकने वाले उपाय सिर्फ लाल किताब ज्योतिष में ही सम्भव हैं। साथ ही इन उपायों का अच्छा असर भी बहुत ही जल्दी होता है। 

मित्रो जल्द से जल्द अपनी कुंडली निकालें और देखें अगर आप की कुंडली में ऐसे योग हों तो हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से संपर्क करें और उपायों द्वारा बुरे योगों के दुशप्रभाव को कम करने का प्रयास करें और अपने जीवन को अधिक से अधिक खुशहाल बनायें। 
अगर आप गुडगाँव से दूर हैं तब भी आप हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से फ़ोन कॉल के माध्यम से अपनी कुंडली पर फलादेश और उपाय ले सकते हैं। साथ ही हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य आपकी कुंडली से सम्बंधित जानकारी जैसे फलादेश और उपाय कोरियर से आपके घर तक भेज सकतें है। 
जो सज्जनगन अपनी या अपने परिवार की जन्म कुंडली हमारे कार्यालय में ज्योतिषाचार्य को दिखा कर फलादेश के साथ बुरे ग्रहों की जानकारी लेना चाहते हो वह ईमेल द्वारा मात्र 11000.00 रुपया में पी डी ऍफ़ फाइल द्वारा प्राप्त कर सकते है। 
आचार्य हेमंत अग्रवाल 
ऍफ़ ऍफ़ 54, व्यापार केंद्र, सी ब्लॉक, सुशांत लोक, गुडगाँव - 122009
फ़ोन : 01242572165, मोबाइल : 8860960309 
फेस बुक पेज पर आचार्य हेमंत अग्रवाल
ईमेल : pb02a033@gmail.com 
सावधानी: कोई भी उपाय करने से पहले हमारे गुडगाँव कार्यालय में ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें। 
माता रानी सब को खुशीआं दे।

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